What is Mouse in Hindi और कितने प्रकार, के होते है

What is Mouse in Hindi

What is Mouse in Hindi: दोस्तों आज हमें आर्टिकल में आपको बताने वाले हैं कि माउस क्या है और माउस कितने प्रकार के हैं भाषा क्या है माउस का आविष्कार किसने किया है माउस के जनक कौन है हम इस आर्टिकल में माउस से रिलेटेड पूरी जानकारी देने वाले हैं तो आपको इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ना है और पूरा पढ़ना है ताकि कोई भी जानकारी छूट न जाए तो चलिए शुरू करते हैं l

माउस क्या है

कंप्यूटर माउस एक छोटा, हाथ में पकड़ा जाने वाला उपकरण है जिसका उपयोग कंप्यूटर पर इनपुट देने के लिए किया जाता है। माउस को एक पॉइंटिंग डिवाइस के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह स्क्रीन पर एक कर्सर को नियंत्रित करता है। माउस का उपयोग स्क्रीन पर आइटम का चयन करने, उन्हें स्थानांतरित करने, उन्हें खोलने और उन्हें बंद करने के लिए किया जा सकता है।

माउस में आमतौर पर तीन बटन होते हैं: एक बाईं बटन, एक दाईं बटन और एक बीच का बटन। बाईं बटन का उपयोग आमतौर पर आइटम का चयन करने या उन्हें खोलने के लिए किया जाता है। दाईं बटन का उपयोग आमतौर पर आइटम के विकल्पों को प्रदर्शित करने या उन्हें बंद करने के लिए किया जाता है। बीच का बटन आमतौर पर स्क्रीन पर कर्सर को जल्दी से स्थानांतरित करने के लिए उपयोग किया जाता है।

माउस का उपयोग करने के लिए, इसे एक सपाट सतह पर रखा जाता है और फिर इसे हाथ से घुमाया जाता है। जैसे-जैसे माउस को घुमाया जाता है, कर्सर स्क्रीन पर उसी दिशा में चलता है। बटनों को दबाकर, उपयोगकर्ता कर्सर के नीचे की आइटम पर कार्य कर सकता है।

माउस का उपयोग कंप्यूटर पर अधिकांश कार्यों को करने के लिए किया जा सकता है। यह एक आवश्यक उपकरण है जो कंप्यूटर का उपयोग करना आसान बनाता है।

कम्प्यूटर माउस के प्रकार 

माउस ने अपना सफर कई चरणों में पूरा किया है. इस दौरान इसके कई अलग-अलग रुप विकसित किए गए. जिन्हे हम मुख्यत: निम्न 7 प्रकार में बांट सकते है.

  • Mechanical Mouse
  • Wireless Mouse
  • Stylus Mouse
  • Trackball Mouse
  • Ball Mechanical Mouse
  • Optical Mouse
  • Gaming Mouse

1. Mechanical Mouse

Mechanical Mouse का आविष्कार सन 1972 में Bill English ने किया था। यह माउस एक बॉल का इस्तेमाल करके निर्देशों को भेजता था। बॉल की गति को दो स्क्रोलर्स द्वारा मापा जाता था, जो माउस के अंदर स्थित थे। इन स्क्रोलर्स के आउटपुट को फिर कंप्यूटर में भेजा जाता था, जो उन्हें निर्देशों में परिवर्तित करता था।

Mechanical Mouse का उपयोग 1980 और 1990 के दशक में बहुत लोकप्रिय था। हालांकि, बाद में Optical Mouse के आने से इसका उपयोग कम हो गया। Optical Mouse अधिक सटीक और टिकाऊ होते हैं, और उन्हें साफ करना भी आसान होता है।

Mechanical Mouse के कुछ फायदे

  • ये सस्ते होते हैं।
  • इन्हें साफ करना आसान होता है।
  • ये कम बिजली की खपत करते हैं।

Mechanical Mouse के कुछ नुकसान

  • ये कम सटीक होते हैं।
  • ये जल्दी खराब हो जाते हैं।
  • इनका उपयोग गंदगी वाले सतहों पर करना मुश्किल होता है।

2. Wireless Mouse

बिना तार का माउस वायरलेस माउस (Wireless Mouse) कहलाता है। इसे कॉर्डलेस माउस (Cordless Mouse) भी कहते हैं। यह माउस रेडियोफ्रीक्वेंसी (RF) तकनीक पर आधारित होता है। मगर इसकी बनावट ऑप्टिकल माउस (Optical Mouse) की तरह होती है।

वायरलेस माउस का उपयोग करने के लिए एक ट्रांसमीटर (Transmitter) तथा रिसीवर (Receiver) की जरूरत होती है। ट्रांसमीटर तो माउस में ही बना होता है। और रिसीवर को अलग से बनाया जाता है। जिसे कंप्यूटर में लगाया जाता है।

ट्रांसमीटर माउस से आने वाले सिग्नल को रेडियो तरंगों में बदलता है। और रिसीवर इन रेडियो तरंगों को फिर से डिजिटल सिग्नल में बदलता है। जिसे कंप्यूटर समझ सकता है।

वायरलेस माउस के कुछ फायदे

  • यह तार वाले माउस की तुलना में अधिक पोर्टेबल होता है।
  • यह कंप्यूटर या लैपटॉप से कुछ दूरी पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • यह तार वाले माउस की तुलना में अधिक सुरक्षित होता है।

वायरलेस माउस के कुछ नुकसान

  • इसका उपयोग करने के लिए बैटरी की जरूरत होती है।
  • इसका सिग्नल कभी-कभी बाधित हो सकता है।
  • इसका दाम तार वाले माउस की तुलना में अधिक होता है।

3. Stylus Mouse

एक gStick माउस एक प्रकार का माउस है जो एक स्टाइलस की तरह दिखता है। इसका आविष्कार Gordon Stewart ने किया था, इसलिए इसका नाम gStick रखा गया। gStick माउस का उपयोग टचस्क्रीन डिवाइस, जैसे टैबलेट और स्मार्टफोन, के साथ किया जा सकता है।

gStick माउस कैसे काम करता है, यह समझने के लिए, हमें पहले यह समझने की आवश्यकता है कि एक टचस्क्रीन डिवाइस कैसे काम करता है। एक टचस्क्रीन डिवाइस में एक पारदर्शी सतह होती है जिस पर एक विद्युत क्षेत्र होता है। जब आप अपनी उंगली या एक अन्य उपकरण को सतह पर रखते हैं, तो यह विद्युत क्षेत्र को बदलता है। यह बदलाव डिवाइस को यह पता लगाने की अनुमति देता है कि आपने कहां स्पर्श किया है।

gStick माउस में एक स्टाइलस होता है जिसमें एक विद्युत क्षेत्र होता है। जब आप स्टाइलस को टचस्क्रीन पर रखते हैं, तो यह विद्युत क्षेत्र को बदलता है। यह बदलाव डिवाइस को यह पता लगाने की अनुमति देता है कि आपने कहां स्पर्श किया है।

gStick माउस का उपयोग करने के लिए, आपको बस इसे टचस्क्रीन पर रखने की आवश्यकता है और फिर इसे उस दिशा में स्थानांतरित करने की आवश्यकता है जिस दिशा में आप कर्सर को ले जाना चाहते हैं। आप स्टाइलस के ऊपरी भाग को दबाकर या छोड़कर भी क्लिक कर सकते हैं।

4. Trackball Mouse

ट्रैकबॉल माउस एक इनपुट डिवाइस है जिसका उपयोग कंप्यूटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में गति डेटा दर्ज करने के लिए किया जाता है। यह एक उल्टा माउस की तरह दिखता है, जिसमें एक बॉल होता है जिसे आप अपने अंगूठे या उंगलियों से घुमा सकते हैं। बॉल की गति को प्रकाशिक या विद्युत सेंसर द्वारा ट्रैक किया जाता है, जो बदले में कंप्यूटर को कर्सर की गति को नियंत्रित करने के लिए सिग्नल भेजता है।

ट्रैकबॉल माउस के कई फायदे हैं। सबसे पहले, वे माउस कर्सर को मूव कराने के लिए कम मेहनत लगते हैं। दूसरे, वे छोटे स्थानों में उपयोग करने के लिए अच्छे होते हैं, क्योंकि आपको उन्हें अपने डेस्क पर स्थानांतरित करने की आवश्यकता नहीं होती है। तीसरे, वे उन लोगों के लिए अच्छे हो सकते हैं जिनके हाथों में कम गतिशीलता होती है।

ट्रैकबॉल माउस का उपयोग कई प्रकार के अनुप्रयोगों में किया जाता है, जिसमें कंप्यूटर गेमिंग, डिज़ाइन कार्य और कार्यालय कार्य शामिल हैं। वे अक्सर लैपटॉप कंप्यूटरों पर पाए जाते हैं, क्योंकि वे छोटे और अधिक कुशल होते हैं।

राल्फ बेंजामिन द्वारा 1946 में पहली ट्रैकबॉल डिवाइस का आविष्कार किया गया था। इसका नाम “रोलर बॉल” था, इसे एक मिलटेरी रडार प्लॉटिंग सिस्टम के साथ उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया था। 1970 के दशक में, ट्रैकबॉल माउस का उपयोग आमतौर पर कंप्यूटर गेमिंग के लिए किया जाता था। 1980 के दशक में, ट्रैकबॉल माउस का उपयोग अधिक व्यापक रूप से किया जाने लगा, और वे आज भी लोकप्रिय हैं।

5. Ball Mechanical Mouse

Ball Mechanical Mouse कंप्यूटर माउस के सबसे पहले प्रकारों में से एक है। इसे 1972 में बिल इंग्लिश द्वारा बनाया गया था। मैकेनिकल माउस के नीचे एक रबर की गेंद होती है जो माउस की गति को ट्रैक करती है। जब आप माउस को किसी भी दिशा में ले जाते हैं, तो रबर की गेंद उसी दिशा में घूमती है। गेंद के घूमने से एक रोटर घूमता है, जो अंततः एक इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल उत्पन्न करता है। यह सिग्नल कंप्यूटर को बताता है कि माउस को किस दिशा में घुमाया गया है।

Ball Mechanical Mouse के कुछ फायदे

  • यह अपेक्षाकृत सस्ता है।
  • यह बनाने में आसान है।
  • यह कई प्रकार की सतहों पर काम कर सकता है।

Ball Mechanical Mouse के कुछ नुकसान

  • यह अधिक सटीक नहीं है।
  • यह नियमित रूप से साफ करने की आवश्यकता होती है।
  • यह अधिक शोर पैदा करता है।

6. Optical Mouse

Optical Mouse में LED (Light Emitting Diode) और DSP (Digital Signal Processing) तकनीक का उपयोग किया जाता है। LED एक प्रकाश उत्सर्जक डायोड है जो प्रकाश उत्पन्न करता है। DSP एक डिजिटल सिग्नल प्रोसेसर है जो प्रकाश की गतिविधि को मापता है और माउस की स्थिति को कंप्यूटर को भेजता है।

Optical Mouse में कोई गेंद नहीं होती है। इसकी जगह पर एक छोटा सा बल्ब लगा होता है। माउस को हिलाने पर बल्ब से प्रकाश निकलता है और सतह से टकराकर वापस आता है। DSP इस प्रकाश की गतिविधि को मापता है और माउस की स्थिति को कंप्यूटर को भेजता है।

Optical Mouse मैकेनिकल माउस की तुलना में अधिक सटीक और विश्वसनीय होता है। यह विभिन्न प्रकार की सतहों पर काम कर सकता है, जिसमें कागज, लकड़ी, और प्लास्टिक शामिल हैं। Optical Mouse मैकेनिकल माउस की तुलना में अधिक टिकाऊ भी होता है।

आजकल Optical Mouse सबसे आम प्रकार का माउस है। यह कंप्यूटर, लैपटॉप, और टैबलेट के साथ उपयोग किया जाता है।

7. Gaming Mouse

गेमिंग माउस स्टैंडर्ड माउस से कई मायनों में अलग होते हैं। वे आमतौर पर उच्च DPI सेटिंग्स, प्रतिक्रियाशील बटन और अतिरिक्त सुविधाओं जैसे RGB लाइटिंग और प्रोग्रामेबल बटन के साथ आते हैं। ये विशेषताएं गेमर्स को अधिक सटीक नियंत्रण और प्रतिक्रिया प्रदान करती हैं, जिससे उन्हें खेल में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिल सकती है।

उच्च DPI सेटिंग्स गेमर्स को अपने माउस को छोटे, अधिक सटीक आंदोलनों को नियंत्रित करने की अनुमति देती है। यह विशेष रूप से शूटिंग खेलों में उपयोगी है, जहां खिलाड़ियों को अपने लक्ष्यों को ठीक से हिट करने के लिए सटीक नियंत्रण की आवश्यकता होती है।

बहुत उच्च रिज़ॉल्यूशन वाले मॉनिटर के लिए भी उच्च DPI सेटिंग्स आवश्यक हो सकती हैं। उच्च रिज़ॉल्यूशन वाले मॉनिटर में अधिक पिक्सेल होते हैं, जिससे स्क्रीन पर अधिक जानकारी होती है। इससे गेमर्स को अधिक विवरण देखने की अनुमति मिलती है, लेकिन यह उन्हें अपने माउस को नियंत्रित करना भी अधिक कठिन बना सकता है। उच्च DPI सेटिंग्स गेमर्स को अपने माउस को बिना स्क्रीन के किनारों से बाहर निकले बिना मॉनिटर के पूरे क्षेत्र को कवर करने की अनुमति देती हैं।

गेमिंग माउस चुनते समय, DPI सेटिंग्स, प्रतिक्रियाशीलता और अन्य सुविधाओं पर विचार करना महत्वपूर्ण है। आपके द्वारा खेले जाने वाले गेम के प्रकार और आपकी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं के आधार पर, कुछ विशेषताएं दूसरों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण हो सकती हैं।

Mouse Pointer/Cursor के विभिन्न रूप और उनका मतलब

Mouse Pointer/Cursor कंप्यूटर स्क्रीन पर एक छोटी सी आकृति होती है जो माउस के चलने के अनुसार स्क्रीन पर चलती रहती है। यह आकृति आमतौर पर एक तीर की होती है, लेकिन यह अलग-अलग स्थितियों में अलग-अलग आकार ले सकती है।

Mouse Pointer/Cursor के विभिन्न रूप और उनका मतलब इस प्रकार हैं

  • सामान्य रूप: जब माउस स्क्रीन पर किसी भी आइटम पर न हो, तो Mouse Pointer/Cursor एक सामान्य तीर की आकृति में होता है।
  • Selecting Item: जब माउस किसी आइटम पर होता है और उस आइटम को चुनने के लिए क्लिक किया जाता है, तो Mouse Pointer/Cursor उस आइटम को घेरने वाली एक चौकोर आकृति में बदल जाता है।
  • Moving Item: जब किसी आइटम को माउस की सहायता से स्क्रीन पर किसी अन्य स्थान पर ले जाया जाता है, तो Mouse Pointer/Cursor एक हाथ की आकृति में बदल जाता है।
  • Editing Item: जब किसी आइटम को संपादित करने के लिए क्लिक किया जाता है, तो Mouse Pointer/Cursor एक कलम या पेंसिल की आकृति में बदल जाता है।
  • Text Input: जब किसी टेक्स्ट फील्ड में टेक्स्ट इनपुट करने के लिए क्लिक किया जाता है, तो Mouse Pointer/Cursor एक टेक्स्ट इनपुट फील्डर में बदल जाता है।
  • Menu Option: जब किसी मेनू विकल्प पर क्लिक किया जाता है, तो Mouse Pointer/Cursor उस विकल्प को घेरने वाली एक चौकोर आकृति में बदल जाता है।
  • Link: जब किसी लिंक पर क्लिक किया जाता है, तो Mouse Pointer/Cursor उस लिंक को घेरने वाली एक हाथ की आकृति में बदल जाता है।
  • Waiting: जब कोई प्रोसेस चल रहा होता है, तो Mouse Pointer/Cursor एक घूमती हुई चक्र की आकृति में बदल जाता है।

Mouse Pointer/Cursor का आकार और रूप कंप्यूटर सिस्टम और उपयोग की जा रही सॉफ्टवेयर के अनुसार भिन्न हो सकता है। कुछ सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं को अपने पसंद के अनुसार Mouse Pointer/Cursor का आकार और रूप बदलने की अनुमति देते हैं।

माउस द्वारा होने वाले कार्य 

माउस एक इनपुट डिवाइस है, जिसका उपयोग कंप्यूटर स्क्रीन पर किसी आइटम को चुनने, क्लिक करने, खींचने और छोड़ने, स्क्रॉल करने आदि के लिए किया जाता है।

  • Pointing


जब माउस को कंप्यूटर स्क्रीन पर किसी आइटम के ऊपर ले जाया जाता है, तो माउस का पॉइंटर उस आइटम पर होता है। इसे Pointing कहते हैं।

  • Selecting


किसी आइटम पर पॉइंटर को ले जाकर माउस के Left Button को दबाने से वह आइटम Select हो जाता है।

  • Clicking


माउस के किसी बटन को दबाने और छोड़ने की क्रिया को Clicking कहते हैं। Clicking दो प्रकार की होती है:

  • Left Clicking माउस के Left Button को एक बार दबाने और छोड़ने को Left Clicking कहते हैं। Left Clicking से किसी आइटम को Select करने, Menu खोलने, Link खोलने आदि कार्य किए जाते हैं।
  • Right Clicking माउस के Right Button को एक बार दबाने और छोड़ने को Right Clicking कहते हैं। Right Clicking से किसी आइटम के साथ किए जा सकने वाले कार्यों की एक सूची दिखाई देती है।
    Dragging and Dropping
    किसी आइटम को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने की क्रिया को Dragging and Dropping कहते हैं। इसके लिए माउस के Left Button को आइटम पर दबाकर उसे खींचा जाता है और फिर उस स्थान पर छोड़ा जाता है जहां उसे रखा जाना है।
  • Scrolling

माउस के Wheel को घुमाकर किसी Document, Webpage को ऊपर-नीचे करना Scrolling कहलाता है।

इन क्रियाओं को करके हम कंप्यूटर स्क्रीन पर कई कार्य कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, हम किसी आइटम को खोलने, उसे बंद करने, उसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने, उसमें कोई परिवर्तन करने आदि के लिए इन क्रियाओं का उपयोग कर सकते हैं।

माउस की परिभाषा

माउस एक इनपुट डिवाइस है जिसका उपयोग कंप्यूटर के ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। यह एक छोटा, आयताकार आकार का उपकरण है जिसे एक समतल सतह पर घुमाया जा सकता है। माउस के दो या तीन बटन होते हैं, जिन्हें आमतौर पर बायां बटन, दायां बटन और बीच का बटन कहा जाता है।

माउस का उपयोग कंप्यूटर स्क्रीन पर एक पॉइंटर को स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है। पॉइंटर एक छोटा, चलता-फिरता आइकन है जो स्क्रीन पर माउस की स्थिति को दर्शाता है। माउस बटनों का उपयोग पॉइंटर पर स्थित वस्तुओं का चयन करने, उन्हें स्थानांतरित करने और उन्हें खोलने या बंद करने के लिए किया जाता है।

Mouse Ka Full Form क्या है ?

Mouse का Full Form “Manually Operated User Selection Equipment” होता है। जिसे हिंदी में हम “मैन्युअल रूप से संचालित उपयोगकर्ता चयन उपकरण” कह सकते है। माउस एक तरह का pointing device है जिसकी मदद से Computer Screen पर Point, Select, CLick, Scroll, Drag, Drop किया जा सकता है। जिसे 1963 में Douglas Englebart ने बनाया था।

माउस का इतिहास – History of Mouse

कंप्यूटर माउस का इतिहास ट्रैकबॉल के अविष्कार से शुरू होता है। ट्रैकबॉल एक ऐसा पॉइंटिंग डिवाइस है जिसमें एक बॉल होती है जिसे घुमाकर कंप्यूटर स्क्रीन पर कर्सर को नियंत्रित किया जा सकता है। ट्रैकबॉल का अविष्कार 1946 में ब्रिटिश रॉयल नेवी साइंटिफिक सर्विस में काम करने वाले एक अधिकारी राल्फ बेंजामिन ने किया था।

डगलस एंगेलबार्ट ने 1963 में Xerox PARC में काम करते हुए माउस का आविष्कार किया था। उन्होंने इसे शुरू में “डिस्प्ले सिस्टम के लिए XY पोजिशन इंडिकेटर” के रूप में जाना था। एंगेलबार्ट का माउस एक साधारण लकड़ी का बॉक्स था जिसमें दो लंबवत पहिए और एक बटन था। पहियों की गति को मापकर कंप्यूटर स्क्रीन पर कर्सर को नियंत्रित किया जाता था।

एंगेलबार्ट के माउस का विकास धीरे-धीरे होता रहा। 1980 के दशक में, माउस को अधिक व्यावहारिक और उपयोग में आसान बनाने के लिए कई बदलाव किए गए। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण बदलावों में से एक था ट्रैकबॉल से ऑप्टिकल सेंसर का उपयोग करना। ऑप्टिकल सेंसर अधिक सटीक और विश्वसनीय होते हैं, और वे ट्रैकबॉल की तुलना में अधिक कम रखरखाव वाले होते हैं।

आज, माउस कंप्यूटर इंटरफ़ेस का एक अनिवार्य हिस्सा है। यह हमें कंप्यूटर पर नेविगेट करने, एप्लिकेशन खोलने और उनका उपयोग करने, और डेटा को चुनने और संपादित करने की अनुमति देता है।

यहाँ कंप्यूटर माउस के इतिहास

  • 1946: ट्रैकबॉल का आविष्कार
  • 1963: डगलस एंगेलबार्ट द्वारा माउस का आविष्कार
  • 1980 के दशक: ऑप्टिकल सेंसर का उपयोग करके माउस का विकास
  • 1990 के दशक: गेमिंग माउस का विकास
  • 2000 के दशक: वायरलेस माउस का विकास
  • 2010 के दशक: मल्टी-टच माउस का विकास

माउस के जनक कौन है ?

कंप्यूटर माउस के जनक डगलस एंगेलबार्ट और बिल इंग्लिश हैं। डगलस एंगेलबार्ट एक अमेरिकी इंजीनियर और आविष्कारक थे, जिन्हें “ह्यूमन-कंप्यूटर इंटरैक्शन के पिता” के रूप में जाना जाता है। उन्होंने 1960 के दशक में बिल इंग्लिश की सहायता से कंप्यूटर माउस का आविष्कार और विकास किया। एंगेलबार्ट और इंग्लिश ने 1968 में पहली बार सार्वजनिक रूप से कंप्यूटर माउस का प्रदर्शन किया।

एंगेलबार्ट और इंग्लिश द्वारा आविष्कार किया गया माउस एक लकड़ी का बॉक्स था जिसमें दो पहिए होते थे। पहिए कंप्यूटर स्क्रीन पर कर्सर को नियंत्रित करते थे। माउस का उपयोग उपयोगकर्ताओं को कंप्यूटर के साथ अधिक आसानी से और कुशलता से बातचीत करने की अनुमति देता है।

एंगेलबार्ट और इंग्लिश के आविष्कार के कारण कंप्यूटर इंटरफेस में क्रांति आई। माउस ने ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो आज अधिकांश कंप्यूटरों में उपयोग किया जाता है।

इसलिए, सही उत्तर है: Douglas Carl Engelbart और Bill English

माउस क्या कार्य करता है ? 

Point

माउस को कंप्यूटर स्क्रीन पर किसी भी वस्तु पर इंगित करने के लिए किया जाता है। इसे “पॉइंटर” भी कहा जाता है। पॉइंटर आमतौर पर एक छोटा सा तीर होता है।

Left Click

माउस के बाएं बटन को दबाने और छोड़ने को “left click” कहा जाता है। इसका उपयोग किसी वस्तु को चुनने या किसी कार्य को करने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, आप किसी फ़ाइल या फोल्डर को चुनने के लिए left click कर सकते हैं।

Drag

माउस के बाएं बटन को दबाकर किसी वस्तु को स्थानांतरित करने को “drag” कहा जाता है। उदाहरण के लिए, आप किसी फ़ाइल या फोल्डर को एक फ़ोल्डर से दूसरे फ़ोल्डर में स्थानांतरित करने के लिए drag कर सकते हैं।

Right Click

माउस के दाएं बटन को दबाने से एक शॉर्टकट मेनू खुलता है। शॉर्टकट मेनू में वस्तु के लिए उपलब्ध विभिन्न कार्यों की सूची होती है। उदाहरण के लिए, आप किसी फ़ाइल को खोलने, संपादित करने या हटाने के लिए right click कर सकते हैं।

Double Click

माउस के बाएं बटन को दो बार तेजी से दबाने को “double click” कहा जाता है। इसका उपयोग किसी कार्य को जल्दी से करने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, आप किसी प्रोग्राम को खोलने के लिए double click कर सकते हैं।

Rotate Wheel

माउस के बीच में एक रोल होता है। रोल को ऊपर या नीचे घुमाने से कंप्यूटर स्क्रीन पर ऊपर या नीचे स्क्रॉल किया जा सकता है।

Press Wheel

माउस के रोल को दबाकर रखने से कंप्यूटर स्क्रीन पर लगातार स्क्रॉल किया जा सकता है।

Tilt Wheel

कुछ माउस में एक झुका हुआ रोल होता है। रोल को दाएं या बाएं झुकाने से कंप्यूटर स्क्रीन पर दाएं या बाएं स्क्रॉल किया जा सकता है।

FAQS – What is Mouse in Hindi

1. माउस क्या है और कितने प्रकार, के होते हैं?

माउस एक इनपुट डिवाइस है जो कंप्यूटर के साथ इंटरएक्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें दो प्रमुख प्रकार होते हैं: ऑप्टिकल माउस और लेज़र माउस।

2. माउस क्या है और इसका उपयोग क्यों किया जाता है?

माउस एक इनपुट डिवाइस है जो कंप्यूटर पर इनपुट देने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे कंप्यूटर पर कार्य करना और इंटरएक्ट करना आसान होता है।

3. माउस का उपयोग कैसे किया जाता है और इसे कैसे साफ रखा जाता है?

माउस को हाथ से घुमाकर, कर्सर को स्क्रीन पर मूव करके उपयोग किया जाता है। साफ़ी के लिए इसे इसोप्रोपाइल अल्कोहल के साथ साफ करें।

4. माउस को कंप्यूटर से कैसे कनेक्ट करें?

माउस को कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए, USB या ब्लूटूथ कनेक्शन का उपयोग करें और मॉडल के हिसाब से मैनुअल फॉलो करें

5. कंप्यूटर माउस के जनक कौन हैं?

कंप्यूटर माउस के जनक डगलस एंगेलबार्ट और बिल इंग्लिश हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों उम्मीद करता हूं आपने इस आर्टिकल को पूरा पढ़ा होगा और आपको अच्छी तरह से समझ में आ गया होगा कि What is Mouse in Hindi और इसकी परिभाषा क्या है क्योंकि मैं इस आर्टिकल में आपको बहुत सरल तरीके से समझाया है अगर आपको कोई भी क्वेश्चन पूछना है तो आप कमेंट में पूछ सकते हो l

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